मुख्य दृश्य
- दिसंबर की मौद्रिक नीति बैठक में बैंक ऑफ जापान ने अपनी नीति दर 0.25% पर रखी।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर के नरम रुख को देखते हुए, अब हमें उम्मीद है कि अगली 25बीपी बढ़ोतरी जनवरी की बैठक के बजाय मार्च में होगी।
- हालाँकि नीति सामान्यीकरण प्रक्रिया में मंदी है, हमारा मानना है कि टर्मिनल दर के प्रति नीति सामान्यीकरण पर बीओजे का दीर्घकालिक रुख अपरिवर्तित बना हुआ है। इसलिए, हम अपने टर्मिनल दर पूर्वानुमान को 0.75% पर बनाए रखते हैं।
बैंक ऑफ जापान (बीओजे) ने दिसंबर की मौद्रिक नीति बैठक में 25 बीपीएस बढ़ोतरी के हमारे पूर्वानुमान के विपरीत, अपनी नीति दर 0.25% पर रखी। BoJ ने अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों और वसंत वेतन वार्ता के आसपास बढ़ती अनिश्चितताओं के साथ अपने निर्णय को उचित ठहराया।
भंडार संगठनों के लिए मौद्रिक नीति निर्णय हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं, और हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से बीओजे (बैंक ऑफ जापान) के नरम रुख ने इस पर एक नई रोशनी डाली है। बीओजे ने अपनी मौद्रिक नीति को सहज रखने का निर्णय लिया है, जिससे संकेत मिलता है कि ब्याज दरों में कोई तत्काल वृद्धि नहीं की जाएगी। यह निर्णय वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे बाजारों में स्थिरता का संदेश मिला है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बीओजे के नरम रुख का असर सिर्फ जापान पर नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। जब विश्व के अन्य केंद्रीय बैंक दरों में वृद्धि करने की सोच रहे हैं, ऐसे में बीओजे की नीति अन्य देशों के लिए एक संकेत हो सकती है जो मौद्रिक स्थिरता बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि अगली ब्याज दर बढ़ोतरी भारत में जनवरी में नहीं, बल्कि मार्च में हो सकती है।
भारत में मौद्रिक नीति को लेकर चल रही चर्चा में यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। इससे बाजारों और निवेशकों को यह संकेत मिलता है कि वे अगले कुछ महीनों में दरों में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं देखेंगे। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, कंपनियां और उपभोक्ता स्थायी वित्तीय निर्णय ले सकते हैं और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहयोग कर सकते हैं।
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